यही एक गम है यही एक अलम है
यही एक अलम है यही एक गम है
मेरी चश्म नम है इसी रंज -ओ -गम में
इसी रंज-ओ-गम में मेरी चश्म नम है
मुझे दमबदम है यही इक तरददूद
यही इक तरदुद मुझे दमबदम है
खफा क्यों सनम है नहीं भेद खुलता
नहीं भेद खुलता खफा क्यों सनम है
खुदा की कसम है ये कहता हूँ सच मैं
ये कहता हूँ सच मैं खुदा की कसम है
सितम ही करम है मुझे उस सनम का
मुझे उस सनम का सितम ही करम है
किया कब रक़म है कोई शिकवा मैंने
कोई शिकवा मैंने किया कब रक़म है
वो करता कलम है मिरे हाथ नाहक
मिरे हाथ नाहक वो करता कलम है
'जफ़र' क्या सितम है हुआ दोस्त दुश्मन
हुआ दोस्त दुश्मन 'जफ़र' क्या सितम है
~ बहादुर शाह जफ़र
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